शरण में माँ की
********
जा शरण में माँ की,मिल जायेगा मुकमल जहाँ।
जा होजा इक बार तू माँ का,मिल जाएगी उसकी गोद में पनाह।
जा बन जा सेवक तू इक बार उसका,मिल जाएगी तुजे माँ के दिल में जगह।
जा उस जग की पालक को दिल से पुकार,मिल जायगा{गीता}उस ममतामई माँ का सारा दुलार।
No comments:
Post a Comment