Tuesday, June 18, 2013
Sunday, April 21, 2013
सोहणी घाटी सज्या
सोहणी घाटी, सज्या तेरा दरबार नी माये-2
महिमा गांदा,तेरी सारा संसार नी माये-2
सोहणी घाटी ------2,महिमा गांदा ------2
1.कोई दूध-पुत्त,कोई है कारोबार ऐ मंगदा-2
कोई मंगदा-2,नी भवसागर चों तार नी माये-2
सोहणी घाटी-----2,महिमा गांदा------2
2.मिलदा ओहनानु,जिन्हां दियां नित्ता सच्चियां-2
मोड़े,खाली ना कोई मंगन्हार नी माये-2
सोहणी घाटी-----2,महिमा गांदा-------2
3.भुल्न्हारे,बच्चेयां नू मैया देवे आसरा-2
लखां तर गये,ने आके तेरे द्वार नी माये-2
सोहणी घाटी------2,महिमा गांदा------2+2
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तेरी ज्योत जागदी
तेरी ज्योत जागदी,तेरा भोग लगदा,
तेरी हो रही जय-जयकार,माता,दर्शन दे इक बार-2
1.सूहा-सूहा चोला मैया अंग विराजे,केसर तीलक लगाया-2
माता,केसर तीलक लगाया,
तेरी ज्योत जगदी,तेरा भोग लगदा,तेरी हो रही-------2
2.किन-किन मैया तेरा भवन बनाया,किन-किन चंवर झुलाया,2
माता,किन-किन चंवर झुलाया,
तेरी ज्योत जगदी,तेरा भोग लगदा,तेरी हो रही--------2
3.पंजां-पंजां पांडुआ ने भवन बनाया,अर्जुन चंवर झुलाया-2
माता,अर्जुन चंवर झुलाया,
तेरी ज्योत जगदी,तेरा भोग लगदा,तेरी हो रही----------2
4. नंगे-नंगे पैरी मैया अकबर आया,सोने दा छत्तर चड़ाया-2
माता,सोने दा छत्तर चड़ाया,
तेरी ज्योत जगदी,तेरा भोग लगदा,तेरी हो रही---------2
*******************

इक वारी आजा,दिखावाँ दिल खोल के-2
बितीयाँ जो नाल मेरे, दसां तेनु बोल के-2
इक वारि आजा-----------2
1.दुनियां नु वंडीयां तू,जाग दियां नेमतां-2
मेरी झोली विच पाईँयां,दुःख ते मुसीबतां-2
गम दित्ते माये मैनू,तगड़ी च तोल के,
आजा इक वारी,दिखावाँ------2,बितीयाँ जो-------2,आजा इक वारी---------2
2.जिन्हु ही प्यार करो,ओहियो डांग मारदा-2
घुट-घुट जीना वी ते,मुल नहियों प्यार दा-2
देख लेया पानी जेसा,लहू असां डोल के,
आजा इक वारी ,दीखावाँ------2,बितीयाँ जो------2,आजा इक वारी-----------2
3.केड़ी गलों माये,दिल पत्थर बना लया-2
पथ्थराँ दे विच रहके,डेरा तू लगा लेया-2
तुहियों दस किथों मैं,लेयांवां तेनु टोल के,
आजा इक वारी,दीखावां-----2,बितीयाँ जो------2,आजा इक वारी----------2
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Wednesday, March 20, 2013
ऐ नन्हें से मेरे मन,जी लेना हर पल,बेखौफ,बेफिक्र
ऐ मेरे नन्हें से मन ,कुछ पल जीने को जी चाहता है,
ग़म भुलाकर फिर से,हँसने को जी चाहता है,
जाने केसे उम्र बीतती चली गयी,मगर महसूस हुआ यूँ,
ऐ मेरे मन,तू तो वहीँ नन्हीं सी सूरत के साथ रह गया,
उम्र के साथ साथ,कब इस उम्र तक आ पहुंचे मगर,
ऐ मन,तू तो नन्हें ख्वाब बुनता ,नन्हाँ सा ही रह गया,
ऐ खुदा,उम्र की न सुनते हुए,इस नन्हे मन की सुनने को जी चाहता है,
दबे अरमानों का,फिर से आगाज़ करने को जी चाहता है,
ऐ मेरे नन्हें मन,मेरे रूठे पिया को ले आ,
अरे, कितने नटखट हो,हवा का झोंका बन कर ले आये मेरे पी को,,,,,,,,,,,,,,,
चलो मेरे प्रियतम,सब भुलाकर नन्हें मन की राह पर चले,
फिर से नन्हें मन के साथ,खुशनुमां ,बीते लम्हें जीयें,
ऐ खुदाया,उम्र के तकाज़े से बेख़ौफ़,नन्हें मन की देहलीज़ पर कदम रख रहे हैं हम,
फिर से मीठे पलों की आगोश में,दुनियां से बेख़ौफ़ हो खो रहे हैं हम,
चलो,,,चलो न,,,हाथों में हाथ डाले,चलें कहीं दूर,
नन्हें मन की सुनते हुए,निकल जाएँ कहीं दूर,
चलो,,,,चलो न,,,,,,,,,,
आयो दूर उस टीले पर बैठें,तुम्हारी गोद में मेरा सर हो,
मेरे बालों को सहलाते, हुए तुम भी कह उठो,
यही तो वो पल था,जिसे बहुत पीछे छोड़ आये थे प्रिय,
आज जी कर लगा,मानों गुज़रा वक्त इसी लम्हें में जी लिया;
लगा ही नहीं कि,उम्र के इस मकाम पर उम्र बीत गयी हो,
लगा यूँ मानों,नन्हें मन की खुशियों के हज़ारों साल बाकी हों,
चलो,,,,,चलो ना,,,,,,,,,,
क़दमों से कदम मिलाकर,ढलते सूरज की ख़ामोशी में,
हाथों में हाथ डाले,चलें गीली रेत पर,
पीछे क़दमों के निशान,इस कदर छोड़ कर,
की उम्र का कोई तकाज़ा नहीं होता,जीत पर,
आयो वादा करें,इसी नन्हें मन की सुनेंगे,जो नन्हीं खुशियाँ दे गया,
ढलती उम्र में भी ,प्यार का मीठा रस घोल गया,
नन्हें मन की दुनिया को, ऐ{ गीत} हर पल जी लेना,
उम्र के भरोसे,ये पल खो न देना,नन्हें मन के साथ उम्र का हर पल जी लेना

ऐ मेरे नन्हें से मन ,कुछ पल जीने को जी चाहता है,
ग़म भुलाकर फिर से,हँसने को जी चाहता है,
जाने केसे उम्र बीतती चली गयी,मगर महसूस हुआ यूँ,
ऐ मेरे मन,तू तो वहीँ नन्हीं सी सूरत के साथ रह गया,
उम्र के साथ साथ,कब इस उम्र तक आ पहुंचे मगर,
ऐ मन,तू तो नन्हें ख्वाब बुनता ,नन्हाँ सा ही रह गया,
ऐ खुदा,उम्र की न सुनते हुए,इस नन्हे मन की सुनने को जी चाहता है,
दबे अरमानों का,फिर से आगाज़ करने को जी चाहता है,
ऐ मेरे नन्हें मन,मेरे रूठे पिया को ले आ,
अरे, कितने नटखट हो,हवा का झोंका बन कर ले आये मेरे पी को,,,,,,,,,,,,,,,
चलो मेरे प्रियतम,सब भुलाकर नन्हें मन की राह पर चले,
फिर से नन्हें मन के साथ,खुशनुमां ,बीते लम्हें जीयें,
ऐ खुदाया,उम्र के तकाज़े से बेख़ौफ़,नन्हें मन की देहलीज़ पर कदम रख रहे हैं हम,
फिर से मीठे पलों की आगोश में,दुनियां से बेख़ौफ़ हो खो रहे हैं हम,
चलो,,,चलो न,,,हाथों में हाथ डाले,चलें कहीं दूर,
नन्हें मन की सुनते हुए,निकल जाएँ कहीं दूर,
चलो,,,,चलो न,,,,,,,,,,
आयो दूर उस टीले पर बैठें,तुम्हारी गोद में मेरा सर हो,
मेरे बालों को सहलाते, हुए तुम भी कह उठो,
यही तो वो पल था,जिसे बहुत पीछे छोड़ आये थे प्रिय,
आज जी कर लगा,मानों गुज़रा वक्त इसी लम्हें में जी लिया;
लगा ही नहीं कि,उम्र के इस मकाम पर उम्र बीत गयी हो,
लगा यूँ मानों,नन्हें मन की खुशियों के हज़ारों साल बाकी हों,
चलो,,,,,चलो ना,,,,,,,,,,
क़दमों से कदम मिलाकर,ढलते सूरज की ख़ामोशी में,
हाथों में हाथ डाले,चलें गीली रेत पर,
पीछे क़दमों के निशान,इस कदर छोड़ कर,
की उम्र का कोई तकाज़ा नहीं होता,जीत पर,
आयो वादा करें,इसी नन्हें मन की सुनेंगे,जो नन्हीं खुशियाँ दे गया,
ढलती उम्र में भी ,प्यार का मीठा रस घोल गया,
नन्हें मन की दुनिया को, ऐ{ गीत} हर पल जी लेना,
उम्र के भरोसे,ये पल खो न देना,नन्हें मन के साथ उम्र का हर पल जी लेना

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