Sunday, July 6, 2014

पहोंचुं दरे सरकार पे

पहोंचूं दरे सरकार पे, चाहा तो यही है,
आगे मेरी तकदीर, तमन्ना तो यही है,

o.इक्क ख़ास महक आने लगी, मौजे हवा में,
आसार बताते हैं, ज़न्नत तो यहीं है,

1.होंगे यूँ जहाँ में अभी, ओर भी ज़लवे,
आँखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है,

2.मंजिले मक़सूद भी, मुर्शद ही दिखाए,
हर बार बता देते है, रस्ता तो यही है,

3.याद उनकी रहे दिल में, ज़माल उनका नज़र में,
नाम उनका जबां पर रहे, अच्छा तो यही है,

4.हर सांस से आती है, सदा उसके नाम की,
हम लाख जियें अस्सल में, जीना तो यही है,

5.ये उनकी रज़ा है, मुझे भेजें, मुझे रोकें,
वापस मैं नहीं जाऊंगा, सोचा तो यही है,

6.इजहारे गमें हिज्ज्र की, क्या शकल निकालूं,
अरे रोने की भी ताकत नहीं, रोना तो यही है,

7.तह में सब कुछ मेरे, दामन में है आसीन,
दुनिया का करूं क्या मेरी, दुनिया तो यही है,

पहोंचुं दरे सरकार पे, चाहा तो यही है,
आगे मेरी तकदीर, तमन्ना तो यही है........
                                 

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