साथ निभा रही हो
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हर कदम पर साथ निभा रही हो
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर कदम पर साथ चल रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर मोढ़ पर राह दिखा रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर राह को सुगम बना रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर लम्हे में जिंदगी भर रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर पल मेरी जिंदगी महका रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर उम्मीद को मेरी मान दे रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर जरूरत को{गीता}की पूर्ण कर रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर जगह मुझ अधम को पहचान अपनी दे रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर समय अपनी ममता का अमूल्य आँचल ओढ़ा रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
कुछ कहने के काबिल ही न रही हूँ ,
निशब्द हो गयी हूँ,
हे जगत्जननी,
तुझसे अब क्या कहूँ,
तुझसे अब क्या कहूँ.....................
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तुझसे अब क्या कहूँ.
हर कदम पर साथ चल रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर मोढ़ पर राह दिखा रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर राह को सुगम बना रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर लम्हे में जिंदगी भर रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर पल मेरी जिंदगी महका रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर उम्मीद को मेरी मान दे रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर जरूरत को{गीता}की पूर्ण कर रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर जगह मुझ अधम को पहचान अपनी दे रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
हर समय अपनी ममता का अमूल्य आँचल ओढ़ा रही हो,
तुझसे अब क्या कहूँ.
कुछ कहने के काबिल ही न रही हूँ ,
निशब्द हो गयी हूँ,
हे जगत्जननी,
तुझसे अब क्या कहूँ,
तुझसे अब क्या कहूँ.....................

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