Sunday, June 1, 2014

स्तुति
**दुर्गे दुर्गति दूर करो मेरी**
दुर्गे दुर्गति दूर करो मेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,4
1.महामाया हरो मन मोहा,बाल जान न कर मन कोहा,
तेरी माया भ्रमित मति मेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,
2.मति मंद कुपुत्र हूँ माता,पाप पंक रति दिन राता,
जीवन डोरी तेरे हाथ मेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,
3.काहे रोष करे मेरी मैया,डगमग डोलत है जीवन नैया,
मेरी बारी लगाईं क्यूँ देरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,
4.कब कौन कहाँ जऱा सोचो,जननी मन में बसो जहाँ पोंहोचो,
भिक्षुक दीन चाहे गोदी तेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,
5.प्रतिदिन करता रहूँ तेरी भक्ति,सुख संपत्ति हो अंत मुक्ति,
नैनां बस्ती रहे झांकी तेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी,

मैया जलती रहे जोती तेरी,अम्बे चरण शरण आया तेरी दुर्गे            दुर्गति---------------,अम्बे चरण-----------------          
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