Wednesday, June 4, 2014

दर्शन बिन अक्खियाँ तरस रहियाँ
दर्शन बिन अक्खियाँ तरस रहियां,4
तरस रहियाँ नि माये बरस रहियाँ,4 दर्शन बिन अक्खियाँ-------2

1.बन ढूंडा जोगन बन के,हाल बेहाल वियोगन बन के,2
रुत्तां आयियाँ बीत गईयाँ,कई रुत्तां आयियाँ--------2
दर्शन बिन अक्खियाँ----------तरस रहियाँ नि----------2

2.नाम तेरे दी कमली होई,की गुजरे की जाने कोई,2
ताने मारण सब सईयाँ,2{माँ},दर्शन बिन----------तरस रहियाँ-------2

3.दीद तेरी दे नैन प्यासे,लोकां भाने बन गए हासे,2
द्वार तेरे ते आन पयियाँ,2{माँ} दर्शन बिन-------तरस रहियाँ--------2

3.दर्द किसे दा कोई ना जाने,मत्तां देंदे लोग सयाने,2
हो तू क्यूँ सारां ना लईयां,{2}दर्शन बिन--------तरस रहियाँ-------2    

4.है कर्मा दी लेख लिखारी,तरले मिन्नतां कर कर हारी,2
तू जो कईयाँ मैं मन्न लईयां,2{माँ}दर्शन बिन------तरस रहियाँ-------2

5.जिस तन लागे जाने सोयी,दास नु तेरे जेहा ना कोई,2
तेनु बहोत ने मेरे जयियाँ,2{माँ} दर्शन बिन--------तरस रहियाँ----------2

6.जीवन सारा लेखे माँ दे,माँ दे रंग विच रंग दे,2
शक्ति दा भंडारा जिथों,सारेयां नु दे शक्ति दे,2
रूप है महाकाली दा,एहो दर है माँ शेरा वाली दा,2
शेर वाली भंडारे भरे दुनिया दे,मेहरां वाली भंडारे भरे दुनिया दे,2
दर्शन बिन----------तरस रहियां--------------                                    
                                                         


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