Sunday, June 8, 2014

वो उठा रहे हैं पर्दा
वो उठा रहें हैं पर्दा,4 सरकार चुपके चुपके,4
मैं नज़ारा कर रहा हूँ,4 सरे आम चुपके चुपके,4
1.ये झुकी-झुकी निगान्हें, ये मद भरे इशारे,4
मुझे दे रहें हैं शायद, वो पयाम चुपके चुपके,4
ये झुकी झुकी निगाहें, ये मद भरे इशारे,2
मुझे दे रहे हैं शायद, पैगाम चुपके चुपके,2
वो उठा रहे हैं-------------
2.वो मुरली का तराना, करे अपनों से बेगाना,2
ये सितम हो रहा है,2 सरे आम चुपके चुपके,4
वो उठा रहे हैं----------
3.ना दिखायो चलते चलते, यूँ कदम कदम पे शोखी,4
कोई कतल हो रहा है,4 सारे आम चुपके चुपके,2
वो उठा रहे हैं------------
4.कभी शोखियाँ दिखाना, कभी उनका मुस्कुराना,4
ये अदाएं कर ना डालें,4 मेरा काम चुपके चुपके,2
वो हटा रहे हैं---------------
5.ये जो हिचकियाँ मुसलसल, मुझे आ रही हैं आलम,4
कोई दे रहा है शायद,4 मेरा नाम चुपके चुपके,2  वो हटा रहे हैं-------
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