***भोग***
खायो मैया जी आज भोग गरीब दा,2
1.भीलनी के बेर सुदामा के तंदुल,2
काट दियो हरी यम के बंधन,2
रूच रूच भोग लगायो मैया जी,आज भोग------
खायो मैया जी---------------2
2.दुर्योधन के मेवे त्यागे,2
भूख लगी हरी उठ के भागे,2
साग विधुर घर खायो मैया जी,आज भोग-------
खायो मैया जी-----------------2
3.नरसिंह भक्त की हुंडी तारी,2
सांवल शाह बन आये मुरारी,2
सांवल शाह बन आयो शाम जी,आज भोग-------------
खायो मैया जी---------------2
4.मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,2
गिरिधर नागर नटवर नागर,2
चरण कमल चित्त लायो शाम जी,आज भोग-------------
खायो मैया जी----------------2
5.तुम्हारी वस्तु तुम्हारे आगे,2
हम दीनन का कुछ नाही लागे,2
प्रेम से भोग लगायो मैया जी,आज भोग-------------------
खायो मैया जी------------------2
6.प्रेम सहित मैया भोजन कीजो,2
बचे शेष दासन को दीजो,2
भूखे प्रसाद के सारे मैया जी,आज भोग--------------
खायो मैया जी---------------------2
7.सारी संगत की ऐहो अर्जी,2
आगे मैया आपकी मर्ज़ी,2 {भगवन},
आकर दर्श दिखायो मैया जी,आज भोग---------------
खायो मैया जी--------------------2
ये भोजन चाखो हरी,सो अमृत हो जाए,
अमृत भोजन चाख के,तेरा दास अमर हो जाए,
इसमें मेरा कुछ नहीं,जो कुछ है सो तेरा,
तेरा तुझ को सौंप के,क्या लागे है मेरा,
साईं इतना दीजिये,जाँ में कुटुम्भ समाये,
मैं भी भूखा न रहूँ,मेरा साथ ना भूखा जाये,
खायो मैया जी आज भोग गरीब दा,2
1.भीलनी के बेर सुदामा के तंदुल,2
काट दियो हरी यम के बंधन,2
रूच रूच भोग लगायो मैया जी,आज भोग------
खायो मैया जी---------------2
2.दुर्योधन के मेवे त्यागे,2
भूख लगी हरी उठ के भागे,2
साग विधुर घर खायो मैया जी,आज भोग-------
खायो मैया जी-----------------2
3.नरसिंह भक्त की हुंडी तारी,2
सांवल शाह बन आये मुरारी,2
सांवल शाह बन आयो शाम जी,आज भोग-------------
खायो मैया जी---------------2
4.मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,2
गिरिधर नागर नटवर नागर,2
चरण कमल चित्त लायो शाम जी,आज भोग-------------
खायो मैया जी----------------2
5.तुम्हारी वस्तु तुम्हारे आगे,2
हम दीनन का कुछ नाही लागे,2
प्रेम से भोग लगायो मैया जी,आज भोग-------------------
खायो मैया जी------------------2
6.प्रेम सहित मैया भोजन कीजो,2
बचे शेष दासन को दीजो,2
भूखे प्रसाद के सारे मैया जी,आज भोग--------------
खायो मैया जी---------------------2
7.सारी संगत की ऐहो अर्जी,2
आगे मैया आपकी मर्ज़ी,2 {भगवन},
आकर दर्श दिखायो मैया जी,आज भोग---------------
खायो मैया जी--------------------2
ये भोजन चाखो हरी,सो अमृत हो जाए,
अमृत भोजन चाख के,तेरा दास अमर हो जाए,
इसमें मेरा कुछ नहीं,जो कुछ है सो तेरा,
तेरा तुझ को सौंप के,क्या लागे है मेरा,
साईं इतना दीजिये,जाँ में कुटुम्भ समाये,
मैं भी भूखा न रहूँ,मेरा साथ ना भूखा जाये,

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