भजु तो गोपाल एक,,सेवूं तो गोपाल ही सो,,
मेरों मन मान्यो,,सब भाँति नन्द-लाल सो,,
मेरे देवी-देव गुरु,,मात-पिता बन्धु इष्ट,,
मेरो नातों ही सदैव,,एक गोप-ग्वाल बाल सो,,
हरि चंद ओर सो,,ना कछु सम्बन्ध मेरों,,
आसरों सदैव एक,,लोचन विशाल सों,,
माँगू तो गोपाल सो,,ना माँगू तो गोपाल सों,,
रिझूँ तो गोपाल सों,,तो खिझुँ तो गोपाल सों,,

भजु तो गोपाल एक,,सेवूं तो गोपाल ही सो,,
मेरों मन मान्यो,,सब भाँति नन्द-लाल सो,,
मेरे देवी-देव गुरु,,मात-पिता बन्धु इष्ट,,
मेरो नातों ही सदैव,,एक गोप-ग्वाल बाल सो,,
हरि चंद ओर सो,,ना कछु सम्बन्ध मेरों,,
आसरों सदैव एक,,लोचन विशाल सों,,
माँगू तो गोपाल सो,,ना माँगू तो गोपाल सों,,
रिझूँ तो गोपाल सों,,तो खिझुँ तो गोपाल सों,,

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