मेरा शाम अपने दर पे,आँखों से मय पिलाए,2
मोहन जिसे पिलाए,उसे होश कैसे आये,2
1.मीरां ने पीली अपनी,उसने मिटादी हस्ती,2
दीवानी हो गयी वो,ओर बांवरी कहाए,2
मेरा शाम --------------मोहन जिसे-----------
2.पहले पिलादी नन्द को,सुध बुध भुलादी उसकी,2
फिर आप नन्द बनकर,मोहन चरण दबाए,2
मेरा शाम---------------मोहन जिसे-------------
3.हे दीन बंधू तेरी,ये दया नहीं तो कया है,2
ठुकरा दे जिसको दुनिया,उसे तू गले लगाए,2
मेरा शाम-----------------,मोहन जिसे------------

मोहन जिसे पिलाए,उसे होश कैसे आये,2
1.मीरां ने पीली अपनी,उसने मिटादी हस्ती,2
दीवानी हो गयी वो,ओर बांवरी कहाए,2
मेरा शाम --------------मोहन जिसे-----------
2.पहले पिलादी नन्द को,सुध बुध भुलादी उसकी,2
फिर आप नन्द बनकर,मोहन चरण दबाए,2
मेरा शाम---------------मोहन जिसे-------------
3.हे दीन बंधू तेरी,ये दया नहीं तो कया है,2
ठुकरा दे जिसको दुनिया,उसे तू गले लगाए,2
मेरा शाम-----------------,मोहन जिसे------------

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