Saturday, May 31, 2014

**आरती**
आरती जग जननी मैं तेरी गाऊँ,2तुम बिन कौन सुने वरदाती,2
किसको जाकर विनय सुनाऊं,आरती जग--------2
1.असुरों नें देवों को सताया,2तुमने रूप धरा महामाया,2
उसी रूप के मैं दर्शन चाहूँ,आरती जग------------2
2.रक्त बीज मधु कैटभ मारे,2अपने भक्तों के काज सँवारे,2
मैं भी तेरा दास कहाऊँ,आरती जग-----------------2
3.आरती तेरी करूँ वर दाती,2हृदये का दीपक नैनों की बाती,2
निस दिन प्रेम की ज़ोत जगाऊं,आरती जग---------2
4.ध्यानुं भक्त तुमरा यश गाया,2जिस ध्याया माँ उस फल पाया,2
मैं भी दर तेरे शीश झुकाऊँ,आरती जग-------------2
5.आरती तेरी माँ जो कोई गावे,2दास सभी सुक्ख संपत्ति पावे,2
मैया चरण कमल राज चाहूँ,आरती जग------------2
तुम बिन कौन सुने वरदाती,2किसको जाकर विनय सुनाऊं,2
आरती--------------------,2

 Photo: Kalka me kali maa ke mandir ki chaukhat par parakat hua maa ka charano ka darshan..

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